वाशिंगटन। राष्ट्रपति बराक ओबामा का कहना है कि अमेरिका अपना प्रतिस्पर्धी स्थान खो रहा है और भविष्य की नौकरियां भारत जैसे देशों के युवाओं के हाथ में होंगी जहां शिक्षा क्षेत्र में भारी निवेश किया जा रहा है।
लोवा में एक सार्वजनिक सभा में ओबामा ने कहा कि आप देखिए चीन, भारत और ब्राजील जैसे देश शिक्षा प्रणाली और बुनियादी ढांचे में जमकर निवेश कर रहे हैं कहां हम अव्वल होते थे, मसलन कालेज जाने वाले छात्रों की संख्या अमेरिका में सबसे ज्यादा होती थी, लेकिन हम अब 12वें पायदान पर हैं। उन्होंने कहा कि वो तमाम चीजें जो हमें दुनिया का सबसे बड़ा उत्पादक देश बनाती थीं, आहिस्ता-आहिस्ता हमारे हाथ से फिसल रही हैं और हम अपना प्रतिस्पर्धी रवैया खो रहे हैं।
अपने बच्चों की शिक्षा पर बढ़-चढ़कर ध्यान देने के लिए भारत, चीन और ब्राजील की सराहना करते हुए ओबामा ने कहा कि अमेरिका के इन विकासशील देशों से कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है और देर-सवेर वे निर्यात के मामले में आगे निकल जाएंगे।
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा कि मेरा आशय है कि चीन, भारत और ब्राजील जैसे देश वाकई आगे बढ़ रहे हैं वे पहले से कहीं ज्यादा निर्यात कर रहे हैं। इसलिए हमें उस स्तर पर प्रतिस्पर्धा करनी होगी जिस पर हमने पहले कभी नहीं की।
स्नातक छात्रों की घटती संख्या पर ओबामा ने भय जाहिर करते हुए आशंका व्यक्त की कि अमेरिका रोजगार के अवसर भारत और अन्य विकसित अर्थव्यवस्थाओं के हाथों खो देगा क्योंकि वे स्वच्छ ऊर्जा के लिए नए संसाधनों का प्रयास कर रहे हैं जो भविष्य के लिए अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि चीन, भारत, जापान ये सभी देश स्वच्छ ऊर्जा के लिए नए उपायों के बारे में सोच रहे हैं। हम अब आगे नहीं बढ़े तो भविष्य में रोजगार के अवसर उनके पास होंगे।
ओबामा ने कहा कि मैं नहीं चाहता कि ये नौकरियां उन्हें मिलें। मैं चाहता हूं कि ये अवसर हमारे पास यहां अमेरिका में हों। उन्होंने चेताया कि भारत, चीन, ब्राजील और यूरोप से प्रतिस्पर्धा के लिए अमेरिका ने अब भी कमर नहीं कसी तो हम आने वाले दशकों में अवसरों की भूमि कहलाने के काबिल नहीं रहेंगे।
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